पाकिस्तान चीन की मदद से अपनी परमाणु ऊर्जा क्षमता को 8 हजार 800 मेगावॉट करने के लिए 3 से 4 बड़े परमाणु संयंत्र लगाने की योजना बना रहा है। इस खबर की पुष्टि पाकिस्तान के परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन ने की है।
बता दें पाकिस्तान के पास फिलहाल 5 छोटे संयंत्र है इनकी कुल बिजली उत्पादन क्षमता 1300 मेगावॉट है। इन संयंत्रों में से आखिरी पंजाब प्रांत का चश्मा प्लांट है, जिसे चाइना नैशनल न्यूक्लियर कॉर्प (CNCC) ने बनाया है। इस संयंत्र ने इसी साल सितंबर से काम करना शुरू किया है। पाकिस्तान के कराची बंदरगाह पर दो चाइनीज हुआलॉन्ग वन संयंत्र भी बनाए जा रहे हैं। इन दोनों की बिजली उत्पादन क्षमता 2200 मेगावॉट होगी।
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परमाणु ऊर्जा आयोग के चेयरमैन मोहम्मद नईम ने बताया कि इन दोनों रिऐक्टर्स का काम तेजी से पूरा किया जा रहा है। एक संयंत्र का 60 फीसदी और दूसरे का 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दोनों संयंत्र 2020 और 2021 से काम करने लगेंगे। पाकिस्तान अब अपने आठवें परमाणु संयंत्र का कॉन्ट्रैक्ट देने की भी तैयारी कर रहा है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 1100 मेगावॉट होगी। इसके पूरा होने पर इस्लामाबाद की परमाणु बिजली उत्पादन क्षमता 5 हजार मेगावॉट पहुंच जाएगी।
अबु धाबी में हो रहे परमाणु सम्मेलन से इतर मोहम्मद नईम ने मीडिया को बताया, ‘हम इस साल के खत्म होने से पहले कॉन्ट्रैक्ट दे देंगे।’ हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि कितनी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट पाने की दौड़ में है और कितनी गैर-चीनी कंपनियां कॉन्ट्रैक्ट के लिए आवेदन कर रही हैं।पाकिस्तान के 5 मौजूदा परमाणु संयंत्र फिलहाल देश की बिजली खपत का 5 प्रतिशत ही पूरा कर पाते हैं। सरकार के मुताबिक वह 2030 तक परमाणु क्षमता को बढ़ाकर 8,800 मेगावॉट करना चाहती है। नईम ने बताया कि इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए पाकिस्तान कम से कम 3 से 4 परमाणु संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रहा है।
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट)