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पैराडाइज पेपर्स: 1.34 करोड़ दस्तावेजों से हुए खुलासे में अमिताभ समेत 714 भारतीयों के नाम

पनामा पेपर्स का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ था कि पैराडाइज़ पेपर्स में दुनिया के कई बड़े नेताओ सहित मशहूर सेलिब्रेटीज के बिदेशों में इन्वेस्टमेंट की बात सामने आने से हंगामा शुरू हो गया है। इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) द्वारा पैराडाइज पेपर्स को दुनिया में व्यावसायिक जानकारी (फाइनेनशियल डेटा ) की अब तक की सबसे बड़ी लीक कहा जा रहा है। इस जानकारी के आधार पर ICIJ ने दुनिया भर में रईसों और कॉर्पोरेट कंपनियों की टैक्स चोरी का पता लगाया है। इनमें कई नाम भारतीयों और भारतीय कंपनियों के भी हैं।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ की खबर के मुताबिक, अमिताभ बच्चन समेत 714 भारतीयों ने टैक्स हेवंस कंट्रीज में इन्वेस्टमेंट किया है। अमिताभ का नाम पनामा पेपर्स में भी आया था। रिपोर्ट में 180 देशों को शामिल किया गया है, इसमें शामिल नामों के लिहाज से भारत 19वें पायदान पर है। वहीं, जयंत सिन्हा ने मामले पर सफाई दी है।

रिपोर्ट में जिस ओमिडयार नेटवर्क का जिक्र है, उससे कभी जयंत भी जुड़े थे। ये खुलासा अमेरिका के इंटरनेशनल कंसोर्शियम ऑफ इन्वेस्टीगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) पैराडाइज पेपर्स में किया गया है। बता दें ICIJ ने ही पिछले साल पनामा पेपर्स के जरिए कई अहम खुलासे किए थे।

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आपको बता दें यह खुलासा जर्मनी के जीटॉयचे साइटुंग नामक उसी अखबार ने किया है जिसने 18 महीने पहले पनामा पेपर्स का खुलासा किया था। 96 मीडिया ऑर्गेनाइजेशन के साथ मिलकर इंटरनैशनल कॉन्सोर्टियम ऑफ इंवेस्टिगेटिव जर्नलिस्ट्स (ICIJ) ने ‘पैराडाइज पेपर्स’ नामक दस्तावेजों की छानबीन की है।

‘पैराडाइज पेपर्स’ में 1.34 करोड़ दस्तावेज शामिल हैं। इस खुलासे के जरिये उन फर्मों और फर्जी कंपनियों के बारे में बताया गया है जो दुनिया भर में अमीर और ताकतवर लोगों का पैसा विदेशों में भेजने में उनकी मदद करते हैं। पैराडाइज पेपर्स लीक में पनामा की तरह ही कई भारतीय राजनेताओं, अभिनेताओं और कारोबारियों के नाम सामने आए हैं।

खुलासे में बताया गया है कि फिल्म अभिनेता अमिताभ बच्चन कौन बनेगा करोड़पति (केबीसी) के 2000-02 में प्रसारित पहले संस्करण के बाद बरमूडा की एक डिजिटल मीडिया कंपनी के शेयरधारक बने थे। साल 2004 में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के लिबरलाइज्ड रिमिटेंस स्कीम शुरू करने से पहले तक सभी भारतीयों को विदेश में किए गए निवेश की जानकारी आरबीआई को देनी होती थी। ये साफ नहीं है कि अमिताभ बच्चन ने ये जानकारी आरबीआई को दी थी या नहीं।

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बरमूडा की कंपनी एप्पलबी के दस्तावेजों के अनुसार अमिताभ बच्चन और सिलिकॉन वैली के वेंचर इन्वेस्टर नवीन चड्ढा जलवा मीडिया लिमिटेड के 19 जून 2002 को शेयरधारक बने थे। ये कंपनी बरमूडा में 20 जुलाई 2002 को बनाई गई थी और साल 2005 में इसे भंग कर दिया गया। जलवा मीडिया शुरुआती डिजिटल मीडिया वेंचर में एक है। इसकी स्थापना चार भारतीय एंटरप्रेन्योर ने जनवरी 2000 में कैलिफोर्निया में की थी। इसकी भारतीय इकाई जलवा डॉट कॉम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड (बाद में जलवा मीडिया इंडिया प्राइवेट लिमिटेड) फरवरी में बनी और बाद में जुलाई में बरमूडा में एक तीसरी कंपनी बनी।

कंपनी में निवेश करने वालों में कैलिफोर्निया में रहने वाले उस समय बिजट्रो के चेयरमैन नवीन चड्ढा भी शामिल थे। इसके अलावा जलवा मीडिया ने 1.5 करोड़ डॉलर (आज की दर से करीब 94 करोड़ रुपये) वेंचर इन्वेस्टमेंट हासिल करने को अपना अल्पकालीन लक्ष्य बताया। जलवा मीडिया को इस निवेश से पहले ही लंदन के मिलेनियम डोम से इंटरनेशनल इंडियन फिल्म एकैडमी के लाइव वेबकास्ट का अधिकार मिल चुका था।

आईबीएम से समझौता होने के करीब एक साल बाद अमिताभ बच्चन और चडढा को एप्पलबी के जलवा-बरमूडा दस्तावेज में निवेशक बताया गया। इस कंपनी से जुड़े तीन लोगों उर्शित पारिख, गौतम आनंद और शैलेंद्र पी सिंह ने साल 2004 तक धीरे-धीरे कंपनी छोड़ दी। 28 अक्टूबर 2005 को द बरमूडा सन अखबार में नोटिस प्रकाशित हुई कि जलवा बरमूडा “बुरी कर्जदार” है और उसे “भंग” किया जाता है। एप्पलबी ने भी जलवा बरमूडा को 14 जनवरी 2004 से सेवाएं देना बंद कर दिया था।

जानिए क्या है एप्पलबी?

एप्पलबी एक लॉ-फर्म है। 119 साल पहले बरमूडा में रजिस्टर हुई इस कम्पनी के साथ बैसा ही रहस्य जुड़ा हुआ है, जैसा बरमूडा के साथ है। इस कंपनी के साथ दुनिया भर के वकील, अकाउंटेंट और बैंकर जुड़े हुए हैं। इतना ताकतवर नेटवर्क होने के बावजूद ये फर्म टैक्स एडवाइज़री (कर सलाह) का काम नहीं करती है।

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक ये फर्म अपने क्लाइंट्स के लिए हर तरह के उलटे काम करती है। जैसे, टैक्स चोरी, कम टैक्स देकर याच या प्लेन खरीदना या फिर रियल एस्टेट में पैसा लगाना। एप्पलबी इसके लिए एस्क्रो अकाउंट ( एक तरह का थर्ड पार्टी अकाउंट ) खोलने से लेकर पूरी की पूरी फर्ज़ी कंपनियां तक खड़ी करती है। ये कंपनियां टैक्स हैवन कहलाने वाले देशों में रजिस्टर की जाती हैं। टैक्स हैवन माने ऐसे देश जहां टैक्स दरें बेहद कम हैं।

पैराडाइज पेपर्स में ये भारतीय है शामिल-

इस लिस्ट में कुल 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं। इनमें अमिताभ बच्चन, केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा, सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा और संजय दत्त की पत्नी मान्यता दिलनशीं नाम से लिस्ट में हैं।
सन टीवी (एयरसेल-मैक्सिस केस), एस्सार-लूप (2जी केस), SNC लावलिन (इसमें केरल के सीएम पी.विजयन का नाम आया था, हालांकि बाद में हट गया) का भी नाम है।

7 thoughts on “पैराडाइज पेपर्स: 1.34 करोड़ दस्तावेजों से हुए खुलासे में अमिताभ समेत 714 भारतीयों के नाम”

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