गुरु नानक देवजी का आज 549वां प्रकाश पर्व मनाया जा रहा है। गुरु नानक साहिब सिख धर्म के पहले गुरु थे। नानक जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। इनका जन्म 15 अप्रैल 1469 यानि पंद्रहवें कार्तिक पूर्णमासी को एक हिन्दू परिवार में हुआ था. गुरु नानक जब छोटे थे तभी उनके बड़े होकर दुनिया में ज्ञान का प्रकाश फैलाने की भविष्यवाणी कर दी गई थी।
माना जाता है कि गुरु नानक जब करीब 5 साल के थे तो उनके पिता ने उन्हें एक धर्म गुरु के पास शिक्षा लेने के लिए भेजा। पहली ही मुलाकात में धर्म गुरु उनके चेहरे का तेज देख हैरान रह गए थे। धर्म गुरु ने जब उन्हें पहली शिक्षा देते हुए ‘ऊं’ लिखना सिखाया तो गुरु नानक ने ‘1ऊं’ लिखा, जो ईश्वर के एक होने का संदेश दे रहा था। इस वाक्ये के बाद धर्म गुरु, बालक नानक को उनके पिता के पास लेकर गए और उनसे कहा कि वे इस बच्चे को क्या पढ़ाएंगे, ये तो खुद ही दुनिया को ज्ञान से प्रकाशित करेगा।
ये भी पढ़ें:जानिए कार्तिकेय कैसे बन गए भगवान मुरुगन विस्तार से…
मौलवी की भविष्यवाणी पर गुरु नानक के परिवार ने ज्यादा ध्यान नहीं दिया. उन्होंने गुरु नानक को काम में लगाना चाहा, लेकिन वहां उनका मन नहीं लगा। ऐसे में उनका विवाह करवा दिया गया, जिससे उन्हें दो पुत्रों की प्राप्ती हुई। लेकिन विवाह के बंधन में भी वे ज्यादा दिन बंधे न रह सके. वे घर से निकल पड़े और उनके साथ उनके दो साथी बाला और मरदाना भी साथ चले।
इतिहास के अनुसार वे सम्पूर्ण विश्व में भ्रमण करते रहे और लोगों को आडम्बर, भ्रम एवं अज्ञान से दूर कर उनका मार्गदर्शन करते रहे. नानक ने लोगों का ज्ञान के माध्यम से ‘आत्मा’ से परिचय करवाया ताकि उनका परमात्मा से हो सके एवं सर्वत्र प्रेम और भाईचारा प्रसारित हो सके।
20 अगस्त, 1507 को वे सिख धर्म के पहले गुरु बनें. इनके अनुयायी इन्हें ‘गुरु नानक’, ‘बाबा नानक’ और ‘नानकशाह’ नामों से संबोधित करते हैं. 22 सितम्बर, 1539 को उनका निधन हुआ, लेकिन उनकी शिक्षा का आज भी अनुसरण किया जाता है।
Source- Zee News
Your article helped me a lot, is there any more related content? Thanks!
Thank you for your sharing. I am worried that I lack creative ideas. It is your article that makes me full of hope. Thank you. But, I have a question, can you help me?