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केरल में मुस्लिम लड़की के ईसाई लड़के से शादी करने पर, मस्जिद कमिटी ने किया परिवार का सामाजिक बहिष्कार

केरल में लव जिहाद का मामला अभी थमा नहीं था कि एक और इस तरह के मामले पर विवाद खड़ा हो गया है। यह घटना केरल के मलाप्पुरम जिले की है, जहां एक मुस्लिम लड़की ने ईसाई धर्म के लड़के से शादी रचा ली। मुस्लिम लड़की के ईसाई लड़के से शादी करने के बाद तथाकथित मस्जिद कमिटी ने उसे और उसके परिवार वालों का समाजिक तौर पर बहिष्कार कर दिया है।

बता दें कि 27 वर्षीय जसीला इस्लाम धर्म से ताल्लुक रखती हैं और टिस्को ईसाई समुदाय से आते हैं. इस अंतरधार्मिक विवाह को लेकर मस्जिद समिति ने जसीला के परिवार का कथित तौर पर बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

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हालांकि यह विवाह दोनों के माता-पिता की रजामंदी से 19 अक्टूबर को नीलांबुर में हुआ और उसके बाद रिसेप्शन का आयोजन भी किया गया था।

इस विवाह के बाद तथाकथित मदारुल इस्लाम संघम महाल्लु कमिटी की सचिव ने एक नोटिफिकेशन जारी किया जिसमें मस्जिद में आने वाली सभी लोगों से आग्रह किया गया है कि कुन्नुम्मल यूसुफ के परिवार से सारे संबंध तोड़ दिए जाएं और उनका समाजिक बहिष्कार हो। यूसुफ की बेटी ने जबसे ईसाई लड़के से शादी की है तबसे ही उसके परिवार का बहिष्कार किया जा रहा है।

बता दें कि मुस्लिम समुदाय से ताल्लुक रखने वाले यूसुफ ने शादी के एक दिन बाद पेरिंथलमन्ना में दोनों की शादी का रिसेप्शन रखा था, जिसमें कई लोगों ने उत्सुकता के साथ भाग लिया। इस शादी की सबसे खास बात तो यह रही कि इसने सभी धार्मिक बाधाओं को तोड़ एक नई मिसाल पेश की है। यह शादी न तो मुस्लिम रीति-रिवाजों से हुई और न ही ईसाई धर्म के अनुसार हुई।

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जसीला के अंकल राशिद ने शादी की खबर फेसबुक के जरिए दी और बाद में रिसेप्शन की फोटो भी डाली। जिसके बाद ये फोटो सोशल मीडिया पर खूब शेयर की गयी थी। राशिद ने पोस्ट में लिखा कि जसीला को पूरा हक है कि वह किससे शादी करना चाहती है। जसीला और टिस्को की शादी पहली नहीं है जो गैर-धार्मिक है। क्या मस्जिद समय के साथ बदल रही लहरों को बदल पाएगा।

वहीँ जासीला की मां नजमा ने तथाकथित महाल्लू कमिटी पर आरोप लगाया है कि उनका काम है कि सिर्फ मस्जिद के कामों में दखल दें, लेकिन वे लोग अन्य लोगों को भी हमारे परिवार का बहिष्कार करने के लिए बोल रहे हैं जो कि शर्मनाक है।

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