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रेयान मर्डर केस- कुछ अनसुलझे सवालों से जानिए आखिर क्यों संदेह के घेरे में है स्कूल और पुलिस की भूमिका?

गुरुग्राम के जिस रेयान इंटरनेशनल स्कूल में दूसरी कक्षा के मासूम छात्र प्रद्यूमन ठाकुर की बेरहमी से हत्या हुई है, उसी रेयान इंटरनेशनल स्कूल के दिल्ली स्थित दूसरे स्कूल में फरवरी 2016 में दिव्यांश नाम के एक मासूम की लाश मिली थी। उस वक्त की जांच में इसे एक हादसा करार दिया गया था। अब प्रद्युम्न ठाकुर मर्डर के मामले में कुछ ऐसे सवाल उठ रहे हैं, जिसका जवाब न तो पुलिस के पास है और ना ही स्कूल के पास।

इस पूरे प्रकरण में कुछ ऐसे अनसुलझे सवाल हैं, जिन पर शक होना लाजिमी है। पुलिस द्वारा जिस तरह से गुरुग्राम के स्कूल में हुई मासूम प्रधुम्न ठाकुर की हत्या के बाद जांच का दावा किया जा रहा है कि बस कंडक्टर ने पहले प्रद्यूमन के साथ अप्राकृतिक संबंध बनाने की कोशिश की लेकिन जब उसने इसवा विरोध किया तो कंडक्टर ने चाकू से उसका गला रेत दिया। ठीक ऐसे ही आरोप दिव्यांश की मौत के बाद उसके माता पिता भी लगा रहे थे। लेकिन उस वक्त पुलिस ने जांच में ठिलाई बरती और मामले का खुलासा करने से ज्यादा मामले पर परदा डालने का काम किया था।

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क्योंकि अब अप्राकृतिक संबंध जैसी बात खुल कर सामने आ रही है तो ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि दिल्ली के रियान स्कूल में मृत पाए गए दिव्यांस के साथ भी ऐसा ही हुआ होगा, क्योंकि जिन परिस्थितियों में उसकी लाश मिली थी उससे ये तो साफ था कि ये सिर्फ मौत नहीं हो सकती।

क्या कंडक्टर आड़ में कोई दूसरा है मासूम का कातिल?

बस कंडक्टर ने जिस तरह से स्कूल में मासूम छात्र की हत्या करने की बात चाहे कबूल ली है, उससे इस पुरे प्रकरण पर शक और गहरा जाता है। कंडक्टर के कबूलनामे पर उसके परिजन ही नहीं बल्कि उसके गांववाले और मृतक प्रधुम्न ठाकुर के पिता भी पुलिस के खुलासे पर भरोसा नहीं कर पा रहे हैं। मृत बच्चे के पिता का कहना है कि कुछ तो ऐसा है जिसे स्कूल प्रबंधन और पुलिस प्रशासन छिपा रहा है। उन्होंने कहा कि अगर कंडक्टर दोषी भी है तो यकीनन इसमें स्कूल से जुड़ा कोई प्रभावशाली शख्स भी शामिल है।

कहाँ से आया कंडक्टर के पास चाकू?

अरोपी कंडक्टर अशोक जब बाथरूम में गया तो उसके पास नया चाकू कहां से आया। यह सवाल पुलिस को सबसे पहले सुलझाना चाहिए था, लेकिन पुलिस के अधिकारी इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रहे हैं।यही कारण है कि पुलिस की थ्योरी लोगों के गले नहीं उतर रही है। पुलिस के मुताबिक जो चाकू इस्तेमाल किया गया, वह बस के टूल बॉक्स का था। लेकिन सवाल यह है कि स्कूल के टॉइलट में कंडक्टर अशोक कुमार चाकू लेकर पहुंचा कैसे?

पुलिस दावा कर रही है कि जब बच्चे ने कंडक्टर को गलत हरकत करते हुए देख लिया तो उसने टीचर से शिकायत की बात कही तो घबराकर कंडक्टर ने उसकी गर्दन काट दी। यहां सवाल यह है कि सेक्शुअल असॉल्ट के लिए कंडक्टर ने ऐसी जगह क्यों चुनी, जहां उसका फंसना तय था।

जानिए क्यों संदेहास्पद है स्कूल प्रशासन की भूमिका?

जब मासूम बच्चे का मर्डर स्कूल कैंपस में हुआ, तो पुलिस ने स्कूल प्रबंधन या स्टाफ से कोई पूछताछ क्यों नहीं की। आरोपी अशोक के परिजन और बच्चे के परिजनों का कहना है कि अशोक की भूमिका के साथ-साथ स्कूल की भूमिका भी संदिग्ध है। इसकी जांच होनी चाहिए। सरकार के मंत्री से लेकर पुलिस अधिकारी इस पर चुप क्यों हैं। पुलिस इसे अचानक हुई वारदात बता रही है तो कंडक्टर का टॉइलट में चाकू ले जाने पर क्यों कुछ नहीं कह रही है। इतना ही नहीं अगर वह टॉइलट में गलत काम कर रहा था तो ऐसा अचानक क्या हुआ कि उसने बच्चे का इतनी बेहरमी से हत्या कर दी।

फर्श के खून साफ़ क्यों किया गया?

बच्चे के मर्डर के बाद स्कूल की फर्श और दीवार से खून को साफ़ क्यों किया गया? फर्श और दीवार से खून साफ करना भी स्कूल प्रशासन को संदेह के घेरे में खड़ा करता है। रिटायर्ड एसीपी हवा सिंह ने बताया कि इस तरह की मामले की जांच तकनीकी और वैज्ञानिक तरीके से होनी चाहिए। ऐसे मामलों के एक्सपर्ट प्राइवेट डिटेक्टिव संजीव देशवाल के मुताबिक कंडक्टर का चाकू टॉइलट में ले जाना, सीसीटीवी का खराब होना और आरोपी का गुनाह कबूल करने के बाद पुलिस रिमांड का लेना संदेह पैदा करता है। एक नया चाकू जेब में रखकर टॉइलट में जाना इस एंगल पर पूरी तरह से जांच होनी चाहिए।

वहीँ स्थानीय सांसद तेजपाल तंवर ने कहा कि स्कूल के खिलाफ कार्रवाई होगी, इनके खिलाफ एफआईआर दर्ज किया जाएगा। उन्होंने कहा अगर जांच से लोगों को तसल्ली नहीं होगी तो मामले की सीबीआई जांच भी कराई जाएगी।

वहीं हत्या के बाद मची हड़कंप के बाद शुक्रवार को बच्चों को स्कूल से घर भेज दिया गया था। शनिवार को भी स्कूल बंद रखा गया है। वहीं बच्चे के पिता वरुण ठाकुर शनिवार सुबह अपने वकील के साथ पुलिस कमिश्नर से मिलने पहुंचे। उन्होंने प्रिंसिपल और स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।

 

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