क्या देश को जातीय संघर्ष में झोंकना चाहती है भीम आर्मी।
देश के अलग अलग हिस्सों में जातीय संघर्ष कराने के बाद अब उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में भी भीम आर्मी अपनी जमीन तलाशने में लग गयी है। पूर्वांचल के गाजीपुर जिले के रेवतीपुर थाना क्षेत्र के नवली गांव में मंगलवार की रात एक सुनियोजित तरीके से ठाकुरों और दलितों में जातीय संघर्ष करवाया गया।
इस संघर्ष की पटकथा काफी दिनों से लिखी जा रही थी, लेकिन ना ही गाँव के ठाकुर और प्रशासन इसको समझ पाया। और आखिरकार भीम आर्मी अपने मकसद में कामयाब हो गयी।
काफी दिनों से सक्रिय थे भीम आर्मी के सदस्य-
स्थानीय सूत्रों के अनुसार भीम आर्मी के सदस्य काफी दिनों से इलाके में घूम घूम कर जातीय संघर की जमीन तलाश रहे थे और आखिर में उन्होंने नवली गाँव को चुना। नवली गाँव को चुनने का मकसद था वहां के सवर्ण प्रधान को फसाया जा सके, इसके लिए भीम आर्मी के सदस्यों ने गाँव के लोगों को भड़काना शुरू किया और आखिर में मंगलवार को ठाकुरों और दलितों में संघर्ष करवाने में भीम आर्मी सफल रही।
भीम आर्मी अपने मकसद में किस हद तक सफल रही इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि दलितों की उग्र भीड़ ने डायल 100 पुलिस और रास्ते से गुजर रहे पूर्व मंत्री ओम प्रकाश सिंह की गाड़ी को भी नहीं बक्शा और उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया। दलितों ने दो दर्जन से अधिक गुमटियों/दुकानों में तोड़फोड़ की। हालात ये हो गए थे कि स्थिति को संभालने के लिए कई थानों की पुलिस बुलानी पड़ी।
इस संघर्ष में एक पुलिस कर्मी के साथ ही जोखू राम (50), गोलू राम (17), राजू राम (25), खुशी राम (16), मन्नू राम (18), अशोक सिंह (40), रमाशंकर सिंह (65), संजय सिंह (27), प्रदीप सिंह (22) घायल हो गए। पुलिस सभी घायलों को पहले रेवतीपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर यहां से जिला अस्पताल लाया गया। घटना के बाद प्रधान पति लालबहादुर सिंह ने 15 लोगों के खिलाफ नामजद तहरीर दी है।
पुलिस ने ठाकुरों के खिलाफ ही की एकतरफा कार्यवाई-
मंगलवार रात को संघर्ष के बाद पुलिस ने बुधवार को सुबह राजपूतों के घरों में दबिश के दौरान जमकर तोड़फोड़ करने साथ ही लूटपाट और महिलाओं से छेड़खानी भी की। पुलिस द्वारा लूटपाट और महिलाओं के साथ छेड़खानी की सूचना मिलने पर मोहम्मदाबाद विधायक अल्का राय और जमानिया विधायक सुनीता सिंह महिलाओं के साथ धरने पर बैठ गईं। विधायक का कहना है कि दिलदारनगर, गहमर और रेवतीपुर एसओ के साथ सीओ कासिमाबाद को निलंबित किया जाए और आपराधिक मुकदमा दर्ज किया जाए।
पुलिस ने प्रधानपति को ही भेज दिया जेल-
जैसा की भीम आर्मी का मकसद था सवर्ण प्रधान को साजिस के तहत फ़साना वो उसमे कामयाब भी हो गए और घटना के बाद पुलिस ने गुरुवार को प्रधानपति सहित पांच लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया दिया।