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कांग्रेस की राष्ट्रपति उम्मीदवार मीरा कुमार है फर्जी दलित,, जानिए विस्तार से

सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार (meira kumar) के बारे में बड़े बड़े पोस्टरों के अलावा बड़े बड़े लेख लिखकर मीरा कुमार की असलियत खोली जा रही है। और सभी को मीरा कुमार के बारे में बताया जा रहा है। यहाँ आपको बता दे कि मीरा कुमार जगजीवन राम की बेटी है और उनका जन्म दलित परिवार में ही हुआ था। लेकिन मीरा कुमार ने शादी ब्राह्मण जाति के मंजुल कुमार शास्त्री से शादी की थी तो वह दलित कैसे रह सकती है।

मीरा कुमार पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के बेटी है। जब इसके उपर थोडा शोध किया गया तो पता चला कि मीरा कुमार के पति का पूरा नाम मंजुल कुमार शास्त्री है। और मीरा कुमार का नाम मीरा कुमार शास्त्री है। ये तो ठीक उसी तरह हो गया जैसे रवीश कुमार पाण्डेय से पाण्डेय गायब हो गया था। और एंटानियो मियानो राजीव गाँधी से शादी करके सोनिया गांधी बन गयी।

यह सब राजनीतिक खेल है। बीजेपी के उम्मीद्वार के लिए कोई तगड़ा विरोधी खोजने के लिए कांग्रेस इस हद तक पहुच गयी कि अपने पार्टी के चेहरों को दलित बनाने में संकोच नही किया। कोंग्रेस जनता की आँखों में धुल झोकना चाहती है, लेकिन सच्चाई तो यही की मीरा कुमार कभी दलित रही होंगी पर अब वो ब्राह्मण है। कुछ लोग उन्हें OBC बता रहे है फिर भी मीरा कुमार दलित नही है।

ब्राह्मण से शादी के बाद भी दलित कैसे?

शादी के बाद ही एक स्त्री की जाति या धर्म वही हो जाता है जो उसके पति का होता है। इस सिद्धांत के अनुसार मीरा कुमार दलित न होकर ब्राह्मण जाति की महिला होती है। लोगो का कहना है कि कांग्रेस को मीरा कुमार के पति का नाम भी बताना चाहिए था ताकि देश के सामने वास्तविकता आ सकती।

कांग्रेस ने झूठ बोलकर देश को गुमराह किया है। सोनिया गांधी शादी से पूर्व क्रिश्चियन थी और शादी के बाद गांधी हो गई तब सोनिया को इतना बड़ा झूठ बोलने की क्या जरूरत थी।

कांग्रेस पार्टी ने मीरा कुमार को दलित बताकर उन्हें राष्ट्रपति पद का दावेदार बना तो दिया लेकिन इसी बहाने उसके पुराने पाप सामने आ रहे हैं। कम लोगों को पता है कि दलितों की हितैषी होने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी ने मीरा कुमार के पिता बाबू जगजीवन राम को कथित तौर पर साजिश का शिकार बनाया था। ये 1978 की बात है। आपातकाल खत्म होने के बाद हुए चुनावों में जनता पार्टी की सरकार बनी थी। उस वक्त के प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के कैबिनेट में बाबू जगजीवन राम रक्षा मंत्री थे। उस दौर में वो अगले प्रधानमंत्री के लिए सबसे बड़े दावेदार भी माने जाते थे। लेकिन तभी उनके साथ एक ऐसी साजिश हुई कि सारी सियासी उम्मीदों पर पानी फिर गया।

जब मीरा कुमार का भाई सेक्स स्कैंडल में फंसा-

जगजीवन राम के बेटे और मीरा कुमार के सगे भाई सुरेश राम की उनकी प्रेमिका सुषमा चौधरी के साथ यौन रिश्तों की तस्वीरें एक मैगजीन में छप गईं। इससे इतना बड़ा हंगामा खड़ा हुआ कि सियासी तौर पर उस वक्त के सबसे मजबूत नेता जगजीवन राम अचानक बेहद कमजोर हो गए। ‘सूर्या’ नाम की जिस मैगजीन में ये तस्वीरें छपीं थीं उसकी संपादक संजय गांधी की पत्नी मेनका गांधी हुआ करती थीं। जगजीवन राम देश के पहले दलित प्रधानमंत्री होते, लेकिन सुरेश के सेक्स स्कैंडल ने ऐसा नहीं होने दिया। इस कांड के बाद उन्हें कैबिनेट से भी इस्तीफा देना पड़ा था।

कौन थी सुषमा चौधरी?

सुषमा लोअर मिडिल क्लास जाट परिवार की लड़की थी। वो बड़ी खूबसूरत और बेहद महत्वाकांक्षी थी। उसे जानने वालों के मुताबिक सुषमा काफी ऊंची उड़ान भरना चाहती थी। तब वो अपने घर से कॉलेज तक आने-जाने के लिए दिल्ली की सड़कों पर लंबी कारों वाले अनजान लोगों से लिफ्ट लिया करती थी। सुषमा के परिवार वालों का कहना था कि सुरेश राम के साथ उसकी शादी भी हो गई थी और वह जगजीवन राम के साथ ही उनके 6, कृष्ण मेनन मार्ग वाले सरकारी बंगले पर रहती थी। सुरेश राम ने अपनी बीवी को तलाक नहीं दिया था और इस कांड के सामने आने के बाद उन्हें अपने पिता का बंगला छोड़ना पड़ा था। इस बंगले पर आजकल मीरा कुमार का कब्जा है। उन्होंने इसे अपने पिता का स्मारक बना दिया है।

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