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देश के 14 फर्जी संतों की लिस्ट जारी, भक्तों में हड़कंप – देश में प्रसन्नता

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने ‘संत’ की उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है ताकि गुरमीत राम रहीम जैसे लोगों को इसका गलत इस्तेमाल करने से रोका जाए।

हरियाणा के सिरसा में अर्ध धार्मिक संस्था डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत सिंह राम रहीम को बलात्कार के एक मामले में हाल ही में दोषी करार देने और जेल भेजे जाने की घटना के बाद हिंदू धर्म के नेताओं की शीर्ष संस्था को यह कदम उठाना पड़ा।

 

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने कहा कि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद का मानना है कि ‘संत’ की उपाधि का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है इसलिए परिषद ने यह उपाधि देने के लिए एक प्रक्रिया तय करने का फैसला किया है। अब से किसी व्यक्ति की पड़ताल करने और उसका आकलन करने के बाद ही यह उपाधि प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह उपाधि देने से पहले अखाड़ा परिषद यह भी देखेगी कि व्यक्ति की जीवनशैली किस तरह की है।

फर्जी संत

14 तथाकथित संतों को फर्जी घोषित किया गया :

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद की रविवार को हुई बैठक में देश भर के 14 संतों को फर्जी घोषित किया गया है। इनकी सूची भी जारी कर दी गई है। इस सूची में आसाराम, रामपाल, निर्मल बाबा, गुरमीत, राधे मां आदि जैसे कई  शामिल हैं। इलाहाबाद में मठ बाघम्बरी गद्दी में हुई बैठक में परिषद ने देश और प्रदेश की सरकार से इनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। अखाड़ा परिषद की इस कार्रवाई से देश भर में हड़कंप मच गया है।

सूची में शामिल सभी 14 नामों को सार्वजनिक कर दिया गया और सरकार से मांग की गई ऐसे पाखंडी तथाकथित संतों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। परिषद की दो घंटे चली बैठक में फर्जी संतों के अलावा अर्द्धकुंभ से जुड़ी तैयारियों पर भी चर्चा हुई। इस संदर्भ में 15 सूत्रीय प्रस्ताव पारित किए गए।

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने कहा कि फर्जी संतों के नाम अभी और भी घोषित किए जाएंगे। इसके लिए सभी अखाड़ों की ओर से दूसरी सूची बनाई जा रही है। जिसे परिषद की अगली बैठक में जारी किया जाएगा।

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अखाड़ा परिषद की ओर से जारी फर्जी संतों के नाम

  1. आसाराम बापू उर्फ आशुमल शिरमलानी
  2. सुखबिंदर कौर उर्फ राधे मां
  3. सच्चिदानंद गिरि उर्फ सचिन दत्ता
  4. गुरमीत राम रहीम सिंह
  5. ओमबाबा उर्फ विवेकानंद झा
  6. निर्मल बाबा उर्फ निर्मलजीत सिंह
  7. इच्छाधारी भीमानंद उर्फ शिवमूर्ति द्विवेदी
  8. स्वामी असीमानंद
  9. ओम नमः शिवाय बाबा
  10. नारायण साईं
  11. रामपाल
  12. आचार्य कुशमुनि
  13. वृहस्पति गिरी
  14. मलखान सिंह

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अखाड़ा परिषद के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि उन्होंने यह फैसला लिया है कि एक संत के पास नकदी या उसके नाम पर कोई संपत्ति नहीं होगी। संपत्ति और नकदी जैसी सभी चीजें न्यास की होनी चाहिए और इसका बड़े पैमाने पर लोगों के कल्याण के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

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