protest hyderaba

दाऊद की मदद से रोहिंग्या आतंकियों की फ़ौज बनाने की फ़िराक में संदिग्ध आतंकी

अल-कायदा पकड़ा गया आतंकी समीउन रहमान उर्फ सूमोन हक के लैपटॉप और मोबाइल फोन से कुछ और राज बाहर आने की उम्मीद है। स्पेशल सेल ने इन्हें फरेंसिक जांच के लिए लैब भेज दिया है। रहमान से पूछताछ में पता चला है कि उसका असली मकसद भारत में रह रहे रोहिंग्या मुसलमानों की एक फौज बनाकर उन्हें म्यांमार आर्मी के सामने खड़ा करना था।

NBT image
image- nbt

सूत्रों के मुताबिक, रहमान रोहिंग्या मुसलमानों की सेना बनाने के लिए मणिपुर या मिजोरम में ट्रेनिंग कैंप भी स्थापित करना चाहता था। इस फौज को हथियार अल-कायदा से मिलने थे। हालांकि, इससे पहले ही वह पकड़ा गया।

पढ़ें: मौलाना ने दी चेतावनी कहा, रोहिंग्या हमारे भाई, हम 72 भी लाखों को मार सकते हैं

रिपोर्ट्स के मुताबिक, रहमान ने इंटेलिजेंस एजेंसियों को बताया है कि खुद को डी-कंपनी का ऐक्टिव मेंबर बताने वाला फारूख नाम का एक शख्स ढाका जेल में उससे मिला था। रहमान के मुताबिक, फारूख ने उसे भारत में हमलों को अंजाम देने के लिए हथियारों और गोला बारूद की सप्लाई देने का वादा किया था। यह मीटिंग 2016 में हुई थी। फारूख को रहमान के अल-कायदा से जुड़े होने के बारे में पता था। उसने रहमान से कहा कि वह जेल से अप्रैल 2017 में बाहर आने के बाद डी-कंपनी के एक अन्य सदस्य रऊफ से संपर्क करे।

बता दें कि स्पेशल सेल को उसे पकड़ने में लंबा वक्त लगा, जबकि उसके बारे में अधिकारियों को जुलाई में ही सूचना मिल गई थी। सूत्रों का कहना है कि सितंबर में फेस्टिव सीजन शुरू होने वाला है। जांच की जा रही है कि वह कहीं दिल्ली-एनसीआर में रामलीलाओं, दुर्गा पूजा, दशहरा या फिर दिवाली पर कोई आतंकवादी हमला तो नहीं करने वाला था?

पढ़ें: अल-कायदा का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, जो रोहिंग्या मुसलमानो को देता था आतंक की ट्रेनिंग

रिपोर्ट के मुताबिक, पूछताछ के दौरान रहमान ने कबूला है कि बांग्लादेश की जेल में रहने के दौरान उससे अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों ने संपर्क किया था। इससे भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों के उन दावों की पुष्टि होती है, जिनके मुताबिक डी-कंपनी आईएसआई की मदद से भारत में आतंकी गतिविधियों को हवा दे रही है। बता दें कि हाल ही में इंटेलिजेंस एजेंसियों ने डी-कंपनी से जुड़े एक अन्य मेंबर शम्सुल हुदा की भारत में रेल दुर्घटनाओं में भूमिका होने में आशंका जताई थी।

स्पेशल सेल ने दाऊद के सहयोगियों के तौर पर रऊफ और फारूख की पहचान की पुष्टि की है। एजेंसियां इन दोनों की भूमिकाओं के बारे में पता लगाने में जुट गई है। रऊफ पिछले साल तक भारतीय जेल में था। छूटने के बाद उसे डिपोर्ट कर दिया गया था। पुलिस ने मंगलवार को बताया कि रहमान 10 दिन पुलिस कस्टडी में रहेगा। उससे सबूतों के आधार पर पूछताछ की जा रही है।

पढ़ें:सू ची ने कहा, आतंकी वारदातों में शामिल हैं रोहिंग्या- शांति के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार

सूत्रों के मुताबिक, पुलिस ने कुछ ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनकी भर्ती रहमान ने की थी। भर्ती का मकसद आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिलाना था। एजेंसियां उस शख्स को भी पकड़ने के काफी करीब हैं, जिससे मिलने रहमान मणिपुर जाने वाला था। रहमान से संबंधित और ज्यादा जानकारी निकलवाने के लिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने ढाका पुलिस से संपर्क किया है।

दिल्ली पुलिस अदनान और तंजील नाम के उन दो लोगों से पूछताछ कर सकती है, जिन्हें 2014 में रहमान के साथ बांग्लादेश में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस का कहना है कि रहमान करीब दर्जन भर रोहिंग्या शरणार्थियों के संपर्क में भी था, जिन्हें उसने जिहाद के मकसद से रिक्रूट किया था। सूत्रों के मुताबिक, इन लोगों को ढूंढकर डिपोर्ट करने की योजना है।

News Source: Nbt

1 thought on “दाऊद की मदद से रोहिंग्या आतंकियों की फ़ौज बनाने की फ़िराक में संदिग्ध आतंकी”

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *