मध्य प्रदेश के सतना जिले के एक गाँव में ईसाई मिशनरियों द्वारा कथित रूप से धर्म परिवर्तन का मामला सामने आया है। घटना शुक्रवार की है जहाँ एक गाँव में जबरन धर्म परिवर्तन के आरोप में एक पादरी को गिरफ्तार कर लिया गया है।
बता दें सतना जिले के एक गांव में कैरोल गा रहे 30 से ज्यादा पादरियों को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। बजरंग दल ने आरोप लगाया था कि वह जबरन धर्मांतरण करा रहे थे। शुक्रवार को राज्य के एंटी कन्वर्जन लॉ के तहत एक पादरी को गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि कुछ पादरियों और सेमिनरीज को छोड़ दिया गया।
उधर, गिरफ्तार किए गए पादरी और ईसाई संगठनों ने बजरंग दल पर उनके वाहनों में आग लगाने का आरोप लगाया है और शिकायत दर्ज कराई है। वहीं पुलिस और बजरंग दल दोनों ने इससे इनकार किया है। शुक्रवार को सिविल लाइन्स पुलिस थाने में हिरासत में लिए गए लोगों के बारे में पूछने आए आठ पादरियों को भी हिरासत में ले लिया और उनकी कार जला दी गई।
Satna(Madhya Pradesh): Catholic priest arrested, 40 others detained for alleged forced conversion of a group of people from Hinduism to Christianity pic.twitter.com/71eA8AOMvm
— ANI (@ANI) December 15, 2017
ईसाई संगठनों ने आरोप लगाया कि कुछ उपद्रवियों ने गुरुवार रात पादरियों सहित ईसाइयों के साथ मारपीट की। इन उपद्रवियों ने पादरियों की एक कार को भी सतना के सिविल लाइन पुलिस थाने परिसर में कथित रूप से आग के हवाले कर दिया।
सतना सिविल लाइन पुलिस थाने की कार्यकारी प्रभारी सब-इंस्पेक्टर मोहिनी शर्मा ने बताया, ‘हमने भूमखर गांव के धर्मेन्द्र दोहर (21) की शिकायत पर (पादरी) एम जॉर्ज एवं पांच अन्य (अज्ञात) लोगों पर धर्मान्तरण कराने का मामला दर्ज किया है। शिकायत में धर्मेन्द्र ने आरोप लगाया है कि 10 दिसंबर को गैर कानूनी तरीके से धर्मान्तरण कर उसे ईसाई बनाया गया है।
Satna(MP): The Catholic priest and others who were detained for alleged forced conversion also filed complaint that their vehicles were set ablaze by Bajrang Dal workers pic.twitter.com/7r1zibwQDK
— ANI (@ANI) December 15, 2017
गौरतलब है शुक्रवार को सेंट एफ्रफ थियोलॉजिकल कॉलेज में पढ़ाने वाले एम जॉर्ज और पांच अनजान लोगों पर धर्मेंद्र दोहर की शिकायत पर धर्म अधिनियम की स्वतंत्रता एवं धारा 153-बी और 295-ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। दोहर का आरोप है कि उन्हें ईसाई बनने के लिए पैसा अॉफर किया गया था।
आपको बता दें कि 21 वर्षीय भुमकार गांव के एक निवासी ने आरोप लगाया था कि मिशनरी इस गांव में पिछले दो बर्षों से सक्रिय हैं और धर्मांतरण के लिए तालाब में डुबकी लगाने के बाद उसे 5 हजार रुपये, एक क्रॉस और बाइबिल दी देते हैं। दूसरी ओर कैथलिक बिशप्स कॉन्फ्रेंस ऑफ इंडिया (सीबीसीआई) ने जबरदस्ती धर्मांतरण कराने के आरोपों का खंडन किया है।
सीबीसीआई की ओर से कहा गया कि थियोलॉजिकल कॉलेज के 30 सेमिनरीज और दो पादरियों को पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया जब वह कैरोल सिंगिंग प्रोग्राम आयोजित करा रहे थे। संस्था के मुताबिक एेसा वे पिछले 30 वर्षों से कर रहे हैं।