सऊदी अरब में पहली बार महिलाएं कुछ ऐसा करती दिखेंगी जो इससे पहले उन्होंने नहीं किया। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक सऊदी अरब में पहली बार महिलाएं को ड्राइविंग की इजाजत दी गई है।
सऊदी अरब में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां
सऊदी अरब की सरकारी मीडिया एजेंसी ने एक शाही फरमान का हवाला देते हुए कहा है,कि अब देश में महिलायें भी ड्राइविंग कर सकेंगी। मीडिया के मु्ताबिक इस फैसले में ट्रैफिक नियमों के कई प्रावधानों को लागू किया जाएगा।
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जिसमें महिलाओं और पुरुषों के लिए एक जैसे ड्राइविंग लाइसेंस जारी करना शामिल है। सऊदी अरब में महिलाओं पर कई तरह की पाबंदियां हैं। सामाजिक कार्यकर्ता यहां महिलाओं को ड्राइविंग का अधिकार दिलाने के लिए लंबे समय से अभियान चला रहे थे।
शायद ही कोई लड़की ऐसी ही जिसके पास बार्बी डॉल न हो, अपने बर्थडे पर लड़कियां यही चाहती हैं, कि उन्हें कोई गिफ्ट में बार्बी दे। लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी सऊदी अरब में महिलाओं को बार्बी डॉल खरीदने की इजाज़त नहीं है। इसके पीछे तर्क दिया जाता है, कि बार्बी के कपड़े काफी रिविलिंग होते है और उसके पोस्चर भी उत्तेजित करने वाले है।
शिक्षा और न्यायपालिका में मौलवियों का खासा दखल
मीडिया के मुताबिक, इस आदेश में मंत्री स्तर पर एक समिति का गठन करने की बात कही गई है जो 30 दिन के भीतर अपने सुझाव पेश करेगी जिसके बाद जून 2018 तक इस आदेश को लागू किया जाएगा। सऊदी अरब में शिक्षा और न्यायपालिका में मौलवियों का खासा दखल है। ये मौलवी कहते रहे हैं, कि महिलाओं के गाड़ी चलाने से समाज भ्रष्ट हो जायेगा और पाप की ओर बढ़ेगा। देश के पुरूष संरक्षणवादी समाज में महिलाओं को पढ़ने या यात्रा करने के लिए परिवार के पुरूष सदस्यों की अनुमति अनिवार्य रूप से लेनी होती है।
नही पढ़ सकती फैशन मैगज़ीन
हर लड़की और महिला फैशन मैगज़ीन के पन्ने पलटती ज़रूर है, भले ही वे उस स्टाइल और ट्रेंड को फॉलो करें या नहीं। हालांकि, सऊदी अरब की बात कुछ अलग है। सऊदी अरब में ऐसी मैगज़ीन्स देखने को भी नहीं मिलती हैं।
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आप और हम जो मैगज़ीन देखते हैं, वे उन तक उस रूप में नहीं पहुंचती, बल्कि उसे सेंसर और एडिट करके महिलाओं को दिया जाता है, क्योंकि वहां की सरकार का मानना है कि मैगज़ीन में फीचर की गई लड़कियां सऊदी की महिलाओं की तरह पूरे बदन ढंके कपड़े नहीं पहनती हैं, इसलिए उसे सेंसर किया जाता है।
बिना पुरुष गार्जियन के कहीं नहीं जा सकतीं
इस देश की महिलाएं कहीं भी अकेले नहीं जा सकतीं। बिना महरम के वो घर से नहीं निकल सकतीं। मरहम शब्द आमतौर पर उनके घर के किसी भी पुरुष सदस्य के लिए इस्तेमाल किया जाता है, जिनका काम महिला की निगरानी करना होता है। जाहिर सी बात है इससे वो कहीं भी आज़ादी से घूम नहीं सकतीं। इतना ही नहीं इस देश में महिलाओं को बैंक अकाउंट खोलने और बिज़नेस शुरू करने की भी इजाज़त नहीं है।
पुरुषों से बात करने की इजाज़त नहीं
इस देश की महिलाओं को पुरुषों से बात करने की इजाज़त नहीं है चाहे वो घर हो या बाहर। यहां तक की यहां कि सार्वजनिक स्थल स्कूल, बस, यूनिवर्सिटी और बैंक तक में दोनों के लिए अलग व्यवस्था है, ताकि उनका आमना-सामना न हो। यदि कोई महिला इस नियम को तोड़ती है तो उसे कड़ी सजा दी जाती है। इसके अलावा यहां की महिलाओं को अपनी मर्जी से शादी का भी अधिकार नहीं है।
बार्बी डॉल खरीदने पर मनाही
शायद ही कोई लड़की ऐसी ही जिसके पास बार्बी डॉल न हो, अपने बर्थडे पर लड़कियां यही चाहती हैं कि उन्हें कोई गिफ्ट में बार्बी दे, लेिकन आपको जानकर हैरानी होगी सऊदी अरब में महिलाओं को बार्बी डॉल खरीदने की इजाज़त नहीं है।
इसके पीछे तर्क दिया जाता है कि बार्बी के कपड़े काफी रिविलिंग होते है और उसके पोस्चर भी उत्तेजित करने वाले है।