तीन तलाक के खिलाफ बिल पारित करने के बाद अब मोदी सरकार ने हज यात्रा को लेकर मुस्लिम महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए कानून में बदलाव करते हुए हज यात्रा के लिए महिलाओं को बिना किसी पुरुष के यात्रा करने की अनुमति दे दी है।
पीएम मोदी ने कहा कि पुरुष अभिभावक के बिना महिलाओं के हज यात्रा पर रोक को भेदभाव और अन्याय बताते हुए उनकी सरकार ने इसे खत्म कर दिया है। पीएम ने साल के अंतिम ‘मन की बात’ में कहा कि मुस्लिम महिलाएं अब पुरुषों के बिना भी हज यात्रा पर जा सकती हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 2017 के अंतिम संस्करण में रविवार को कहा, “मैंने देखा है कि अगर कोई मुस्लिम महिला हज यात्रा के लिए जाना चाहती है तो वह बिना ‘महरम’ (एक पुरुष संरक्षक) के नहीं जा सकती.”
It had come to our notice that if a Muslim woman wants to go on Haj ,she must have a ‘Mehram’ or a male guardian, otherwise she cannot travel, it was discriminatory, we have changed this rule and this year arnd 1300 women applied to go without a male guardian: PM Modi #MannKiBaat pic.twitter.com/1nekgrP2aw
— ANI (@ANI) December 31, 2017
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पीएम मोदी ने कहा, और जब मैंने इस बारे में पता किया तो मुझे पता चला कि वह हम लोग ही हैं, जिन्होंने महिलाओं के अकेले हज पर जाने पर रोक लगा रखी है. इस नियम का कई इस्लामिक देशों में अनुपालन नहीं किया जाता। मोदी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने यह प्रतिबंध हटा लिया है और अब मुस्लिम महिलाओं को बिना किसी पुरुष संरक्षक के हज यात्रा करने की अनुमति होगी।
गौरतलब है कि नई हज नीति के तहत 45 साल की उम्र पार कर चुकी चार या उससे अधिक मुस्लिम महिलाएं बिना मेहरम एक साथ हज यात्रा पर जा सकती हैं। मेहरम यानी जिससे महिला का निकाह नहीं हो सकता, मसलन- पिता, सगा भाई, बेटा और पौत्र-नवासा। अब तक हज पर जाने के लिए महिला यात्रियों के साथ मेहरम की जरूरत होती थी। कई उलेमा मुस्लिम महिलाओं के अकेले हज पर जाने को शरीयत के खिलाफ बताते हैं।
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