रोहिंग्या मामले पर भले ही म्यांमार की काउंसलर और नोबेल विजेता आंग सान सू की की पश्चिमी मीडिया और दुनिया भर में आलोचना हो रही है, लेकिन चीन के नागरिकों के बीच वह तेजी से लोकप्रिय हो रही हैं। चीनी सोशल मीडिया यूजर्स के बीच वह रोहिंग्या मामले पर बाहरी दबाव में न झुकने और ‘देशवासियों के हितों से समझौता न करने’ को लेकर लोकप्रिय हो रही हैं।
चीन के राष्ट्रवादी विचारधारा के लोगों द्वारा आंग सान सू की को हमेशा म्यांमार में पश्चिमी देशों के मुखौटे के तौर पर देखा जाता रहा है। हालांकि अब रोहिंग्या मुस्लिमों के मसले पर कथित तौर पर पश्चिमी देशों की सलाह को दरकिनार कर राष्ट्र की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के चलते वह चीनियों की पसंदीदा बन गई हैं।
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक guancha.cn और ifeng.com जैसे वेब पोर्टलों पर लोग सू की की जमकर सराहतना कर रहे हैं। सू की को चीनी नागरिक देश के लिए काम करने वाली और अपने लोगों के हितों की सुरक्षा करने वाली महिला करार दे रहे हैं। एक पोर्टल पर उनके लिए कहा गया, ‘एक कठोर और बुद्धिमान महिला जो पश्चिमी राजनेताओं से ज्यादा जानती हैं कि किस तरह से राजनीतिक रूप से सही होना जरूरी है।’
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हालांकि ऑनलाइन डिस्कशन में सू की का नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है, लेकिन सोशल प्लेटफॉर्म सिना विएबो पर उनका नाम सर्च भी नहीं किया जा सकता। इसकी वजह यह है कि चीन इस मामले पर अधिक चर्चा से देश में इस्लामिक अतिवाद के सिर उठाने का खतरा महसूस कर रहा है। चीन में म्यांमार का मसला संवेदनशील विषय बना हुआ है।
Source~Nbt