उत्तर प्रदेश में एक ही हफ्ते में दूसरा रेल हादसा हुआ है। दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर औरैया के पास कैफियत एक्सप्रेस एक डंपर से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो गई। दुर्घटना अछल्दा और पाता रेलवे स्टेशन के बीच हुई। इस दौरान 8 डिब्बे पटरी से उतर गए और इनमें से एक डिब्बा पलट गया।
सूचना मिलते ही रेलवे प्रशासन मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में जुट गया है। बता दें कि 19 अगस्त को मुजफ्फरनगर में खतौली के पास उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए थे। हादसे में 23 लोगों की मौत हो गई थी।
हादसे में कुल 80 यात्री घायल हुए हैं, जिनमें से 4 की हालत गंभीर बताई गई है। इनमें से दो को इलाज के लिए इटावा और दो को सैफई भेजा गया है। बाकी घायलों को पास के अस्पताल में भर्ती कराया गया है। किसी यात्री की मौत की खबर नहीं है। ट्रेन के ड्राइवर आनंद कुमार को सिर पर चोट आई है। अन्य यात्रियों को बस से सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा रहा। मौके पर राहत कार्य तेजी से हो रहा।
रेलवे ऑफिशियल्स के मुताबिक, हादसे में अभी तक किसी के मारे जाने की खबर नहीं है। अछल्दा के हेल्थ सेंटर पर करीब 50 से ज्यादा मरीज लाए गए हैं। जबकि, सेंटर की कैपेसिटी 15 से 20 मरीज एक साथ देख पाने की है। अब कानपुर और इटावा से डॉक्टरों की टीम को बुलाया गया है।
हेल्पलाइन नंबर जारी
– हेल्पलाइन नंबर- 0512- 2323015, 2323016, 2323017
– इमरजेंसी नंबर- 05688276566
– सैफई मिनी पीजीआई का इमरजेंसी कंट्रोल रूम नम्बर 05688276566
बताया जा रहा है कि जो डंपर ट्रेन से टकराया, वह रेलवे के काम में ही लगा हुआ था। बालू से भरा यह डंपर ट्रैक पर पलट गया था, लेकिन इसकी सूचना रेलवे अधिकारियों को नहीं दी गई थी। डंपर पलटने के बाद उसका ड्राइवर वहां से फरार हो गया था।
रेलवे के किसी स्टाफ ने इसकी सुध नहीं ली। रात 2.40 बजे कैफियत एक्सप्रेस यहां से गुजरी और डंपर से टकरा गई। साफ है कि रेलवे की लापरवाही एक बार फिर हादसे की वजह बनी। रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने कहा है कि वह घटना पर नजर बनाए हुए हैं। राहत बचाव के काम के लिए NDRF की एक टीम भी घटनास्थल पर पहुंची है। रेलवे और प्रशासन के कई बड़े अधिकारी मौके पर मौजूद हैं।