यूपी के कैराना के बाद अब मुजफ्फरनगर में भी पलायन का चौकाने वाला मामला सामने आया है। यहां मुस्लिम समुदाय से तंग आकर दर्जन भर हिंदू परिवारों ने अपने मकानों के बाहर “यह मकान बिकाऊ है” लिखकर पलायन की बात कही है। पलायन की खबर सामने आने के बाद जिला प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है।
बता दें यह मामला मुजफ्फरपुर जिले के थाना सिखेड़ा क्षेत्र के गांव निराना का है। यहां पिछले दिनों गांव में एक बारात आई हुई थी। आरोप है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने बारात में घुसकर कुछ लोगों के साथ जमकर मारपीट की थी। पीड़ितों की शिकायत पर थाने में मुकदमा दर्ज हो गया था। लेकिन 10 दिन बीत जाने के बाद भी सिखेड़ा पुलिस ने ना तो आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए कोई दबिश दी और ना ही किसी को गिरफ्तार किया।
पीड़ितों का आरोप है की गांव की चौकी के इंचार्ज आरोपियों के परिजनों को अपने साथ बाइक पर बैठाकर गांव में घूमता है. साथ ही असमाजिक तत्व गांव में बने कब्रिस्तान में क्रिकेट खेलते हैं और जानबूझकर घर में गेंद डालते हैं. फिर दीवार कूदकर घर मे घुसते हैं और मना करने पर गाली गलौच करते हुए मारपीट करते हैं।
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इन असमाजिक तत्वों की इन्ही हरकतों से तंग आकर इन पीड़ित परिवारों ने अपने घरों के बाहर यह मकान बिकाऊ लिखकर गांव से पलायन की मजबूरी जताई है. पलायन की सूचना मिलते ही मुज़फ्फरनगर जिला प्रशासन में हड़कंप मचा है. आनन-फानन में एसपी सिटी पुलिस फोर्स के साथ गांव में पहुंचे और पीड़ित परिवार से मुलाकात कर असामाजिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
वहीं, पीड़ित परिवारों की महिलाओं का कहना है कि हम मजबूर हो गए हैं घर छोड़ने के लिए क्योंकि एक ख़ास समुदाय के लोग हमे बहुत परेशान करते है और छेड़छाड़ करते हैं. इससे अच्छा है कि हम गांव ही छोड़ दें।
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पुलिस अधिकारी ओमवीर सिंह ने बताया की इन असमाजिक तत्वों की गिरफ्तारी के लिए निर्देशित कर दिया गया है. साथ ही लोगो को समझा गया है कि वो गांव ना छोड़ें. 10-15 दिन पहले एक बारात में बच्चों का आपस में झगड़ा हो गया था जिसे लेकर एक शिकायत दर्ज की गई थी. बीच-बीच में दोनों पक्षों द्वारा ये प्रयास की गया की आपसी सहमति से कोई समझौता हो जाये लेकिन नहीं हो पाया।
ओमवीर सिंह ने आगे बताया कि पीड़ित पक्ष का सोचना ये था की शायद पुलिस कार्यवाही नहीं कर रही है. इसी को लेकर कुछ मकानों पर लिखा हुआ है की मकान बिकाऊ है. हमने दोनों पक्षों व गांव प्रधान सबसे बात की ऐसी बात नहीं है छोटे-छोटे इशू है जैसे पास में ही एक कब्रिस्तान है जहा बच्चे क्रिकेट खेलते है जिनकी बॉल सामने घर में चली जाती है. उससे निश्चित रूप से असुविधा होती है. लेकिन इसमें कोई भी गुंडागर्दी का प्रयास नहीं किया जाना चाहिए।
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इस बारे में पीड़ित प्रवेश पाल का कहना है कि हमारे गांव में जितने भी हिंदू लोग हैं उनके पलायन करने की आज नौबत आ चुकी है. हमने 29 तारीख को शिकायत दर्ज करवाई थी. बावजूद प्रशासन द्वारा आज तक यहां पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
आज हमारे लोगों की ये हालत हो गई है कि हमारी लड़कियों को स्कूल तक जाने में डर लगता है. हमारी लड़कियों के रिश्ते होने यहां बंद हो गए है. हमारी शादी का डीजे बंद करा देते है. मंदिर की रेडिओ तक की बंद करा देते है. हम आपस में भाईचारा रखना चाहते थे लेकिन आज हमारी कोई सुनवाई नहीं गांव का कोई जिम्मेदार आदमी हमारी बात सुनने को तैयार नहीं है।
(भाषा से इनपुट के साथ)