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अल-कायदा का संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार, जो रोहिंग्या मुसलमानो को देता था आतंक की ट्रेनिंग

ख़ुफ़िया एजेंसी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने देश की राजधानी में अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन अल कायदा का एक संदिग्ध आतंकी गिरफ्तार किया गया है। टेरर मॉड्यूल के सफाए में लगी दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को इस गिरफ्तारी से बड़ी सफलता हाथ लगी है। ब्रिटेन का रहने वाला 28 साल का सुभान हक उर्फ शमी उर रहमान अल-कायदा में भर्ती किया करता था।

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सुभान हक उर्फ शमी उर रहमान नामक इस संदिग्ध को पुलिस ने राजधानी के शकरपुर इलाके में स्थित बस स्टैंड से धर दबोचा। उसके पास से 9 एमएम की एक पिस्टल, 4 कारतूस, एक लैपटॉप और 2 हजार की विदेशी करेंसी बरामद हुई है। फिलहाल पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।

डीसीपी स्पेशल सेल पीएस कुशवाहा ने बताया कि शोमोन हक बिहार के किशनगंज के पास का रहने वाला बताया जा रहा है। उसकी आईडी से यह जानकारी मिली है। हक पिछले चार साल से अलकायदा के लिए काम कर रहा था। अल कायदा ने पिछले दिनों भारत पर हमले की धमकी भी दी थी। फिलहाल दिल्ली पुलिस संदिग्ध से पूछताछ कर रही है।

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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रहमान ने दिल्ली, मिजोरम और मणिपुर को अपना बेस बना कैंप बना रखा था. उसके ऊपर रोहिंग्या शरणार्थियों को भ्रमित करने का आरोप है। कहा जा रहा है कि वह रोहिंग्याओं को भारत और म्यांमार सेना के खिलाफ बर्गला कर आतंकी बनाता था।

पुलिस के मुताबिक सीरिया के बाद ये आतंकी बांग्लादेश आ गया, जहां इसकी गिरफ्तारी हो गई। बांग्लादेश में जेल से छूटने के बाद इसने अल कायदा के लीडर्स के कहने पर हिंदुस्तान का रुख किया और यहां रहकर म्यामार सेना से लड़ने के लिए बेस बनाने लगा। इससे पहले ये अपनी प्लानिंग को अंजाम दे पाता पुलिस ने इसे गिरफ्तार कर लिया है।

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बता दें कि इससे पहले केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि भारत में रहने वाले रोहिंग्या शरणार्थी देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं।

खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक इन लोगों के भारत में रहने से कानून व्यवस्था का मसला खड़ा हो सकता है। कई रोहिंग्या के तार पाकिस्तान और आईएसआईएस से भी जुड़े हो सकते हैं। हालांकि हलफनामे में कहा गया है कि इन लोगों को कानूनी प्रक्रिया के तहत ही भारत से बाहर निकाला जाएगा।

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