मुंबई सीरियल बम धमाकों के सिलसिले में विशेष टाडा अदालत ने शुक्रवार को अंडरवर्ल्ड डॉन अबु सलेम को दोषी करार दिया है !
आजमगढ़ से 35 किलोमीटर दूर स्थित कस्बा सरायमीर की गलियों में कंचा खेलकर पला बढ़ा एक साधारण सा लड़का जिसे बचपन में सब सलिमवा के नाम से बुलाते थे, बचपन में गलियों में कंचा खेलकर पला-बढ़ा अबु सलेम शुरू ऐसा नहीं था। ।
1960 के दशक में पठान टोला के एक छोटे से घर में अधिवक्ता अब्दुल कय्यूम के यहां दूसरे बेटे का जन्म हुआ. वकील होने की वजह से अब्दुल कय्यूम का इलाके में काफी दबदबा था, लेकिन एक सड़क हादसे में हुई अब्दुल कय्यूम की मौत के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई। घर की खराब माली हालत देख अबु सालिम को यहीं एक साइकिल की दुकान में नौकरी करनी पड़ी। वह काफी दिनों तक यहां पर मोटरसाइकिल और साइकिल के पंचर ठीक करता रहा। कुछ दिनों तक उसने नाई का भी काम किया और लोगों की दाढ़ी भी बनाई।
इतने से उसके परिवार का पोषण नहीं हो पा रहा था इसलिए वह दिल्ली चला गया और वहां पर ड्राईवर की नौकरी करने लगा। दिल्ली से वह मुंबई पहुंचा और कुछ दिनों तक डिलीवरी ब्वाय के रूप में काम करने के बाद वह दाऊद के छोटे भाई अनीस इब्राहीम के संपर्क में आया।अनीस से मुलाकात के बाद अबु सलेम की जिंदगी बदल गई और यहीं से शुरू हुई ‘सलिमवा’ की डॉन अबु सलेम बनने की कहानी।
12 मार्च 1993 मुंबई में अलग जगहों पर 12 बम विस्फोट हुए, जिसमें करीब 257 लोगों की मौत हो गई और 713 अन्य लोग घायल हुए। इस बम ब्लास्ट में अबु सलेम का नाम आया। पूरे सरायमीर को शक की निगाह से देखा जाने लगा। मां की मौत के बाद अबु सलेम आजमगढ़ आया था। स्थानीय लोग बताते हैं कि अबु सलेम काफी डरा हुआ लग रहा था। उसके खिलाफ आजमगढ़ में भी दहेज उत्पीड़न का एक मामला चल रहा हैा
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वर्ष 1998 में अबु सलेम ने दुबई में अपना किंग्स ऑफ कार ट्रेडिंग का कारोबार शुरू किया। इसी कंपनी के स्टेज शो के दौरान ही उसकी दोस्ती फिल्म अभिनेत्री मोनिका बेदी से हुई। कहते हैं कि दोनों एक दूसरे को बेपनाह मोहब्बत करने लगे। यहां तक कि दोनों के बीच निकाह की भी खबर आई। हालांकि, मोनिका और अबू ने सार्वजनिक रूप से कभी भी इन रिश्तों को नहीं स्वीकारा।