जय श्री राम हिन्दुओं के लिए अपने भगवान राजा राम को याद करने का सामान्य सा तरीका है जिसमें वो श्री राम के उच्च जीवन मूल्यों को याद कर उन की जय की कामना करते हैं! परन्तु दूसरे मजहबों के प्रभाव में धसे लोग केवल मजहबी आदेशों और उनकी क़िताब में लिखे तौर तरीकों पर चलने को जोर देते हैं! वो अच्छाई और अच्छे आचरण को बिना लिखे-पढ़े और अपने मज़हब को श्रेय दिए बिना स्वीकार नहीं करना चाहते और दुनिया को ये झूठा ही दिखाना चाहते हैं की जो सही और अच्छा होता है और होगा वो उनके मजहब के कारण होगा वार्ना सब जाहिल-गंवार हैं और सब के आचरण बेकार हैं!
ऐसी ही एक घटना फिर से गाज़ियाबाद में हुई जिसमे ईसाई स्कूल में एक बच्चे को “जय श्री राम” लिखने पर टीचर ने सज़ा दी!
शिक्षिका का आरोप
गाजियाबाद के गोविंदपुरम में होली ट्रिनिटी चर्च स्कूल की शिक्षिका मनीषा मैसी पर आरोप है कि उन्होंने एक छात्र को सिर्फ इसलिए फ्लूड से सजाया, क्योंकि उसने मेज पर जय श्री राम लिखा था। इस मामले का खुलासा होते ही स्कूल में हलचल मच गई।
घटना का विवरण
शिक्षिका ने फ्लूड पोत दिया
मामला सोमवार का है, जब कक्षा सात के एक छात्र ने मेज पर जय श्री राम लिखा देखा। शिक्षिका मनीषा ने उसके मुंह, नाक, और माथे पर फ्लूड लगा दिया, और उसे इस स्थिति में नमूना बना कर सज़ा देने के लिए बिठाए रखा। शिक्षिका ने माफीनामा लिखकर अपनी गलती की स्वीकृति दी है।
बजरंग दल की कार्रवाई
इस घटना के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ता स्कूल पहुंचे और शिक्षिका के खिलाफ उनकी आपत्ति जताई।
बुरा प्रभाव
बजरंग दल के महानगर संयोजक गौरव सिंह ने कहा कि इस तरह की शिक्षिका होने से बच्चों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। उन्होंने हेड मिस्ट्रेस से मिलकर शिक्षिका पर कार्रवाई करने की मांग की है।
एबीईएस कॉलेज में भी हुआ था हंगामा
इसी तरह की घटना एबीईएस(ABES) कॉलेज में भी हुई थी, जहां छात्र को “जय श्री राम” के नारे लगाने पर प्रोफेसर ने मंच से उतार दिया था। हिंदू संगठनों ने कॉलेज के बाहर हंगामा किया और प्रोफेसरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी !
इन घटनाओं से साफ है कि शिक्षा संस्थानों में धार्मिक मुद्दों पर हिन्दुओं को निशाना बनाया जा रहा है और इसका सीधा असर छात्रों पर हो रहा है। इसे लेकर समाज को सकारात्मक दिशा में बदलने की आवश्यकता है ताकि बच्चे बिना किसी भय या दबाव के अच्छी शिक्षा प्राप्त कर सकें।