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राहुल हत्याकांड- आखिर कब होगी आरोपियों की गिरफ्तारी?

यूपी में एक युवा इंजीनयर को ट्रेन में अवैध वसूली कर रहे टीटीई और पुलिसकर्मियों का वीडियो बनाने की कीमत जान देकर चुकानी पड़ी। आरोपी टीटीई और पुलिसकर्मियों ने पहले उसकी जमकर पिटाई की जिसके बाद उसे चलती ट्रेन से नीचे फेंक दिया। जिससे उसकी मौत हो गयी।

दरअसल रोहतास जिले के करगहर थानाक्षेत्र के भोखरी गांव के रहनेवाले राहुल सिंह झांसी में इंजीनयर थे। पत्नी के पहले तीज में तोहफा लेकर मीलों दूर से आ रहे इस युवा इंजीनियर ने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि यह उनकी अंतिम यात्रा होगी।

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राहुल सिंह को अंदाजा भी नहीं रहा होगा कि कुछ रेलकर्मी रास्ते में यमराज बन कर आ जायेंगे। रेलकर्मी अपने कुकर्मों को छिपाने के लिए उनकी जान पर बन आयेंगे। यहाँ तक कि सह यात्रियों को प्राथमिकी दर्ज कराने में काफी पापड़ बेलने पड़े। आपको बता दें कि राहुल सिंह की दिसंबर में ही शादी हुई थी और उनकी पत्नी गर्भवती है।

मामला यूपी के महोबा इलाके का है। बिहार के मोहनियां निवासी मृतक राहुल भाजपा नेता संजय सिंह का बेटा था। वह पत्नी के साथ दिल्ली में रहता थे। बीती 25 अगस्त को राहुल तीज मनाने दिल्ली से मोहनियां जा रहा थे। ट्रेन का रूट बदलने की वजह से वह झांसी से चंबल एक्सप्रेस में S-2 बोगी में जनरल टिकट लेकर बैठ गए।

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उसी दौरान महोबा स्टेशन के पास से एक टीटीई, दो लेडीज कांस्टेबल और तीन पुलिस जवान ट्रेन में चढ़े. वह यात्रियों से जबरन उगाही करने लगे। यह देख राहुल उनका वीडियो बनाने लगा। तभी एक पुलिसकर्मी की उस पर नजर पड़ गई। आरोपियों ने राहुल का मोबाइल, अंगूठी और ब्रेसलेट छीन लिया और उसकी पिटाई करने लगे।

राहुल की पिटाई करने के बाद आरोपियों ने उसे चलती ट्रेन से बाहर फेंक दिया। जिससे राहुल की मौत हो गयी। ट्रेन में सफर कर रहे लोगो ने बताया कि आरोपी पुलिसकर्मियों ने ना सिर्फ राहुल के साथ जमकर मारपीट की बल्कि, उससे थूक तक चटवाया गया।

इस घटना के गवाह रहे उसी डिब्बे में सफर कर रहे सहयात्री धीरपाल सिंह और इलाहाबाद के वकील कुलदीप शर्मा। कुलदीप शर्मा बताते हैं कि उन्होंने मोबाइल से रेलमंत्री सुरेश प्रभु के नाम पर घटना के संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने राहुल के घरवालों से भी बात की और पूरे मामले की जानकारी दी।

कुलदीप शर्मा बताते हैं कि प्राथमिकी दर्ज कराने में भी काफी फजीहत झेलनी पड़ी। महोबा स्टेशन पर बहाना बनाया गया वहां से इलाहाबाद आया, तो वहां भी पुलिसकर्मियों की ओर से टालमटोल किया गया, जब मामला रेलमंत्री सुरेश प्रभु के पास पहुंचा तो रेलकर्मी एक्टिव हुए और मामला दर्ज किया गया।

राहुल के पिता ने भी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। उन्होंने सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलकर न्याय की गुहार लगाई है। फिलहाल पुलिस ने अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है।

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राहुल की हत्या का विरोध अब सोशल मीडिया पर शुरू हो चुका है। सोशल मीडिया पर लोग राहुल को न्याय दिलाने और भ्रस्ट टीटीई और पुलिसकर्मियों जिनमे एक महिला पुलिसकर्मी भी शामिल थी, उन पर कार्यवाई करने की मांग कर रहे है।

अगर पुलिस ने जल्द संज्ञान लेते हुए आरोपियों पर कार्यवाई नहीं की तो लोग सड़को पर उतरने पर मजबूर हो जायेगे। राहुल की मौत पर भारतीय मीडिया भी जिस तरह मौन है यह भी सोचने योग्य है,

क्यों कि अगर राहुल की जगह यही घटना किसी जुनैद के साथ हुई होती तो मीडिया ने अभी तक विधवा प्रलाप शुरू कर दिया होता। और नेता से लेकर शासन प्रशासन में बैठे तथाकथित लोग हरकत में आ गए होते। और संसद तक में हंगामा हो गया होता। लेकिन यहाँ ये घटना किसी जुनैद के साथ नहीं राहुल के साथ हुई है। इसीलिए शायद किसी को इस घटना से कोई फर्क नहीं पड़ता।

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