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दादा मोदी-चाचा योगी, मैं मरना नहीं चाहता- आसिफ

कानपूर के बर्रा थाना क्षेत्र के रहने वाले सलीम का 14 साल का बेटा आसिफ अपने पिता और भाई-बहन के साथ हाथ में कटोरा लेकर भीख मांग रहा है। आसिफ भीख भी राह चलते आमजन से नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ से मांग रहा है।

जी हाँ आसिफ की दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं और बस 20 दिन उसका साथ दे सकती हैं। यदि इन दिनों में पैसों का इंतजाम नहीं हुआ तो उसकी मौत हो जाएगी।

आसिफ के पिता लगाते हैं फेरी-

आसिफ के पिता मो. सलीम कबाड़ की फेरी लगाकर परिवार का पालन पोषण करते हैं। उनकी पत्नी उज्मा की तीन साल पहले मौत हो गई थी। वे अकेले ही बड़े बेटे अनस, बेटी कंचन और सबसे छोटे बेटे आसिफ (14) के साथ रहते हैं।

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सलीम ने बताया, “मेरे छोटे बेटे आसिफ की दोनों किडनियां खराब हो गई हैं। जितना कमाता हूं, पूरा उसके इलाज में खर्च हो जाता है। परिवार की आर्थिक स्थित बेहद ख़राब हो गई है। दो वक्त की रोटी भी मुश्किल से नसीब होती है। जब से यह बात रिश्तेदारों को पता चली है, तब से उन्होंने भी मुंह फेर लिया है।”

‘मैं जीना चाहता हूं’ – आसिफ

आसिफ का परिवार सड़क पर भीख मांगने को मजबूर हो गया है। इसी वजह से उसने पीएम और सीएम से मदद की गुहार लगाई है। – मासूम आसिफ गले में तख्ती लटकाकर भीख मांग रहा है, जिस पर लिखा है- मोदी दादा, योगी चाचा… मैं मरना नहीं चाहता। मुझे बचा लीजिए। आपका अपना आसिफ।

आसिफ के पिता सलीम ने बताया, पिछले 4 साल से इसकी किडनी में इन्फेक्शन था, जिसका इलाज कानपुर के डॉ. निर्भय कुमार कर रहे थे। तीन साल पहले मेरी पत्नी का निधन हो गया। वो प्राइवेट जॉब करती थी, जिससे आर्थिक मदद हो जाती थी।

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आमदनी घटी तो मैंने बेटे का एलोपैथिक इलाज बंद कर आयुर्वेदिक ट्रीटमेंट शुरू करवा दिया। पिछले महीने इसकी हालत बहुत बिगड़ गई। शरीर फूलने लगा। जब हैलेट हॉस्पिटल में दिखाया तो डॉक्टरों ने बताया कि दोनों किडनियां खराब हो चुकी हैं। वहां से इसे पीजीआई रेफर किया गया, लेकिन वहां इसे एडमिट करने तक से मना कर दिया गया। उनका कहना था कि आसिफ का हीमोग्लोबिन बहुत कम है। जब 8 प्वाइंट से अधिक हीमोग्लोबिन होगा, तभी एडमिट करेंगे।

आसिफ को दोबारा हैलेट हॉस्पिटल में एडमिट करवाकर तीन यूनिट ब्लड चढ़ाया गया। हीमोग्लोबिन लेवल सही आने पर जब पीजीआई लेकर गए तो वहां वीक में तीन बार डायलिसिस शुरू हो गया। एक बार डायलिसिस का खर्च 20 हजार रुपए आता है। जब तक डायलिसिस होता रहेगा, आसिफ सलामत रहेगा।

(भाषा से इनपुट के साथ)